نبذة مختصرة : कोरोना:बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ और मनुष्य की आजादी! एक बार फिर से कोविड की आहटें सुनाई पड़ रही हैं। चीन में एक बार फिर से महामारी फैल गई हैं और भारत सरकार भी इसे लेकर सचेत हो गई है। सरकार की तैयारियों से ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर लॉकडाऊन लगाया जा सकता है। लॉकडाउन लगाए जाने का अर्थ है गरीब और मध्यमवर्ग की आर्थिक तबाही। कहा जाता है कि कोविड को अभीकड़े लॉकडाउन के सहारे रोका नहीं गया होता तो मानव-आबादी का एक बड़ा हिस्सा इसकी भेंट चढ़ जाता। लेकिन इस बात की सच्चाई पर दुनिया के अनेक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और ऊंगली उठाते रहे हैं। इन विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के कारण नहीं, बल्कि लॉकडाउन के कारण दुनिया भर में लाखों लोग मारे जा चुके हैं और लॉकडाउन खत्म होने के बावजूद, इसके प्रभाव के कारण भारत समेत अनेक मध्यम व निम्न आय वर्ग के देशों की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है। करोड़ों लोग गरीबी और बदहाली में जीने के लिए मजबूर होकर मारे जा रहे हैं। अगर एक बार फिर से प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो हालत और बुरे हो सकते हैं। ; विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) ने कोविड-19 को 'सार्वजनिक स्वास्थ्य का आपातकाल' घोषित करने के लिए इससे संबंधित आँकड़ों को जमा करने के लिए अपनी पद्धति में भी इस प्रकार के बदलाव किये जिससे यह पता करना कठिन हो गया कि किसकी मृत्यु कोविड के 'साथ' हुई और किसकी कोविड 'से' हुई। यानी, ऐसा व्यक्ति जिसे मृत्यु से पहले कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था, लेकिन यह संक्रमण ही मृत्यु का कारण नहीं था और ऐसा व्यक्ति जिसकी मृत्यु संक्रमण के कारण हुई, के फर्क को खत्म कर दिया गया। इसे उन्होंने आँकड़ा जमा करने का 'विज्ञान' कहा। इस विज्ञान के तहत न सिर्फ़ कोविड के 'साथ' मरने वालों को , बल्कि अन्य बीमारियों से मरने वाले लोगों को भी कोविड 'से' मृत के रूप में गिना गया, और सूचना-विज्ञान की नवीनतम तकनीकों के सहारे इन भ्रामक, पल-प्रतिपल बढ़ते आँकड़ों को दुनिया भर में लगातार फ्लैश किया गया। इस संबंध में आ रहे नये अध्ययन चौंकाने वाले हैं। सितंबर, 2020 के पहले सप्ताह में अमेरिका के 'सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन' संस्था द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, कोविड से बताई गयी कुल मौतों में सिर्फ़ 6 प्रतिशत ही ऐसी हैं, जिनमें मृत्यु का कारण डॉक्टरों ने 'सिर्फ़' कोविड बताया है। यानी, कुल 1,61,392 मृतकों में से केवल 9,210 की मौत सिर्फ़ कोविड से हुई थी। ...
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